NASA IMAP Launch: सूरज और Space के Secrets होंगे Reveal

NASA IMAP Launch: सूरज और Space के Secrets होंगे Reveal [ IMAGE BY NASA ]

नई दिल्ली:
नासा एक बेहद खास मिशन के लिए कमर कस चुका है। इस बार टारगेट है – हमारे सौर मंडल की सबसे दूर की सीमाएं! नासा 23 सितंबर को Interstellar Mapping and Acceleration Probe (IMAP) नाम का स्पेसक्राफ्ट लॉन्च करने जा रहा है, जिसका मकसद सूरज की बनी ‘सुरक्षा ढाल’ यानी हेलियोस्फीयर की गहराई से पड़ताल करना है।

सूरज की बनी सुरक्षा बबल की करेगा जांच

IMAP उस ‘हेलियोस्फीयर’ को स्टडी करेगा – ये वो विशाल बुलबुला है जिसे सूरज की गतिविधियां बनाती हैं और जो हमें ब्रह्मांडीय विकिरण (कॉस्मिक रेडिएशन) से बचाता है। नासा के मुताबिक, यह मिशन बताएगा कि सूरज की गतिविधियां इस ढाल को कैसे प्रभावित करती हैं और यह ढाल आसपास के गैलेक्टिक माहौल से कैसे टकराती है।

क्यों है IMAP इतना खास?

इस मिशन की मदद से वैज्ञानिक यह समझ पाएंगे कि सूरज से निकलने वाले कण (particles) कैसे एनर्जी हासिल करते हैं और सूरज की हवाएं (solar wind) इंटरस्टेलर स्पेस से कैसे इंटरेक्ट करती हैं। इसके अलावा, IMAP रीयल-टाइम में सोलर विंड और एनर्जेटिक पार्टिकल्स की जानकारी भी देगा।

अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी में करेगा मदद

IMAP न सिर्फ सूरज से निकलने वाले हाई-एनर्जी पार्टिकल्स को मैप करेगा, बल्कि इंटरप्लानेटरी स्पेस के मैग्नेटिक फील्ड और दूर-दराज के तारों के फटने से निकले कणों का भी डेटा जुटाएगा। ये सारी जानकारी जाएगी IMAP Active Link in Real-Time (I-ALiRT) सिस्टम में, जिससे स्पेस वेदर की फोरकास्टिंग और भी सटीक हो सकेगी।

नासा ने बताया कि I-ALiRT सिस्टम से मिली रीयल-टाइम जानकारी, मून और मार्स मिशन पर जा रहे एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा में मदद करेगी। खासतौर पर नासा के Artemis प्रोग्राम के लिए यह अहम भूमिका निभाएगा।

हाई-टेक उपकरणों से लैस IMAP

IMAP स्पेसक्राफ्ट में कुल 10 खास उपकरण (instruments) लगे हैं, जो अलग-अलग तरह के स्पेस डाटा को मापने का काम करेंगे। कोई पार्टिकल डिटेक्ट करेगा, कोई मैग्नेटिक फील्ड तो कोई एनर्जेटिक रेडिएशन पर नजर रखेगा।

सूरज और धरती के बीच की परमानेंट पोस्टिंग

IMAP को सूरज और धरती के बीच Lagrange Point 1 (L1) पर तैनात किया जाएगा, जो धरती से लगभग 10 लाख मील दूर है। इस जगह से ये स्पेसक्राफ्ट लगातार सूरज की गतिविधियों पर नजर रख सकेगा और किसी भी खतरे की जानकारी 30 मिनट पहले दे पाएगा – ताकि सैटेलाइट्स और एस्ट्रोनॉट्स को समय पर अलर्ट किया जा सके।

लाइव लॉन्च कब और कहां देखें?

इस खास मिशन का लॉन्च 23 सितंबर को सुबह 6:40 AM EDT (भारतीय समय अनुसार 4:10 PM IST) पर होगा। नासा इस लॉन्च की लाइव स्ट्रीमिंग NASA+, Amazon Prime, और दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर करेगा।
हिंदी नहीं लेकिन स्पैनिश में लाइव कमेंट्री भी NASA+ और नासा के स्पैनिश YouTube चैनल पर इसी समय शुरू होगी।


जानिए कैसे IMAP मिशन खोल सकता है सौर मंडल से बाहर की दुनिया के रहस्य! बने रहिए जुड़े।

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